प्यार हुआ चुपके से - भाग 28

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अरूण की बातें सुनकर उनका एक आदमी आगे आया और बोला- पर बॉस ये कैसे हो सकता है? हमने तो अपना काम बहुत अच्छे से किया था। उस रात हमने शिव और शक्ति दोनो को ख़त्म करने की पूरी प्लानिंग की थी, पर वो शक्ति की किस्मत अच्छी थी, जो वो उस रात शिव को बचाने के लिए आगे नही आया। वर्ना वो भी फिसलकर नदी में जा गिरता और वो लड़की....उसे तो खुद हमने अपनी आंखों से उस नदी में गिरते देखा था। जितनी ऊंचाई से वो गिरी थी। उसके बचने की कोई गुजाइश ही नही है। उसके इतना