धीमे कदमों से वो अपने कमरे की खिड़की के पास आकर खड़ा हो गया। दूर समुंदर की लहरों को देख उसने कहा,"क्रिस्टीना,कोई तुम्हारे दुख को समझें न समझें, मैं तुम्हारे साथ हूँ। मैं अपनी पूरी कोशिश करूँगा उस क़ातिल को ढूंढ़ने की। बस तुम मुझसे रूठकर न जाना दोबारा!" क्रिस ने पीछे मुड़कर देखा,क्रिस्टीना वही खड़ी थी। वही प्यारी सी मुस्कान लिए उसे देख रही थी। उसे देख क्रिस का चेहरा भी खिल उठा था। "हाँ,वो तो ठीक है लेकिन आज जेनेट और वेनेसा पूरी तरह डर गई थी। मुझे भी एक पल के लिए ऐसा लगा जैसे तुम उसकी