शून्य से शून्य तक - भाग 39

39=== डॉ.सहगल के परिवार के साथ हुई इस दुर्घटना को लगभग अब एक माह हो गया था | दीना अब भी सहगल के घर बच्चों से मिलने हर दूसरे दिन जाते थे | उन्होंने देखा कि कई दिनों से कुक नहीं आ रहा था अत:माधो ने बच्चों के खाने-पीने के लिए एक अच्छे महाराज का इंतज़ाम कर दिया | दीना मनु के पास बैठते | डॉ.सहगल का इतना बड़ा दवाखाना था जिसमें कई असिस्टेंट डॉक्टर्स थे, कई बीमारियों के डॉक्टर्स थे और कई बीमारियों की सर्जरी भी की जाती थी | दवाखाना उन्हीं डॉक्टर्स के सहारे चल रहा था |