शिव रति का पल्लू पकड़े हुए उसके पास आया और उसे अपनी बांहों में भरकर बोला- रति आज हमारी शादी को पूरे तीन महीने हो गए है और इन तीन महीनों में, मैं अपने काम की वजह से तुम्हें बिल्कुल भी वक्त नही दे पा रहा हूं, पर तुमने मुझसे इस बात के लिए कभी कोई शिकायत नहीं की। क्यों?रति ने पलटकर उसकी ओर देखा और बोली- आप मेरे लिए उस चांद की तरह थे शिव। जिसे मैंने चाहा तो बहुत, पर कभी उसे पाने का ख़्वाब नही देखा क्योंकि मैं ये बात जानती थी कि आसमान में चमकने वाले