पागल - भाग 54

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भाग–५४ "ये जो लोग ,, जिन्हे मैं तुम्हारे माता पिता बनाकर लाया हूं। ये वंदना के माता पिता है।" अभिषेक ने कहा। मैने देखा वो लोग कमरे के बाहर खड़े थे। मुझे पता नही चला कबसे। मगर उनकी आंखो में बेहिसाब आंसू थे । मैं उठकर उन लोगों के पास गई। और मैने उनकी और देखा। वो लोग मुझमें अपनी वंदना को ढूंढ रहे थे। उनकी आंखे दर्द और लाचारी से भीगी हुई थी। मैने वंदना की मां को गले से लगा लिया और रोने लगी। मैं भी मां और पापा के प्यार को तरस गई थी। वंदना की मां