कुकड़ुकू - भाग 8

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एक तरफ जहां बच्चों मे बहस चल रही थी, वहीं दूसरी तरफ बड़ों मे खेत खलियान की बातें चल रही थी। “अरे शेखर भाई...! टमाटर खेत मे टमाटर लगाए थे उसका क्या हाल है? मैं तो कल टमाटर तोड़कर बाजार ले जाने वाला हूं।” सुशील ने शेखर से पूछा। “अरे यार सुशील, मैं भी कल टमाटर तोड़कर बाजार ले जाने वाला हूं। इस बार टमाटर की खेती अच्छी हुई है, और दाम भी अच्छा मिल रहा है।” शेखर की ये बात सुनते ही सुशील कुछ सोचने लगा, फिर उसने कहा, “अरे तो शेखर भाई, कल साथ मे ही बाजार चलते