शून्य से शून्य तक - भाग 28

28=== आज न जाने कितने वर्षों के बाद उन्हें लग रहा था कि वे जीवित हैं | अपने आपको संभालकर सधे हुए कदमों से चलते हुए दीनानाथ नाश्ते की मेज़ पर आकर बैठ गए| आज ऑफ़िस जाने से पहले वे नीचे डाइनिग टेबल पर नाश्ता करना चाहते थे| वे चाहते थे कि स्वयं नॉर्मल फ़ील करें और इतने वर्षों बाद नीचे के अपने घर में टहलना चाहते थे| घर के सभी नौकर कतार में आकर खड़े हो गए थे | सारा घर सुव्यवस्थित रूप में सजा था |  अजीब सा हो उठा उनका मन, हल्का-फुल्का सा नाश्ता करके वे उठ