दो बूँद आँसू - भाग 3

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भाग -3 वह यह भी कह रही थीं कि “जब भगवान राम लंका विजय कर वापस आए तो उनके भाई भरत जो चौदह वर्षों तक राज सिंहासन पर बड़े भाई राम की खड़ाऊँ रखकर राजकाज चलाते रहे, उन्होंने अतिशय प्रेम सम्मान के साथ बड़े भाई को सिंहासन पर बिठाया।  “ऐसी श्रेष्ठ सनातन संस्कृति है हमारी। हमारी संस्कृति में ऐसा नहीं हुआ कि राज-सत्ता के लिए पिता-पुत्र, भाइयों के मध्य युद्ध होते रहें, एक-दूसरे का शिरोच्छेद करते रहें, बड़े भाई का सिर काट कर थाल में सजा कर पिता के पास भेजते रहें।  “लुटेरे आक्रान्ता मुग़लों के यहाँ तो यह सबसे