सन्नाटे में शनाख़्त - भाग 1

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भाग -1 प्रदीप श्रीवास्तव उसने अचानक ही उस पर घूँसे-लात बरसा कर, उसे बेड से नीचे धकेल दिया। टाइल्स लगे फ़र्श पर अकस्मात्‌ गिरने से उसके सिर में गहरी चोट आ गई है। ख़ून के धब्बे पड़ने लगे हैं। उसने पेट पर लात इतनी तेज़ मारी है कि वह दर्द से दोहरी हो गई है, दोनों घुटने पेट से जा लगे हैं, जिन्हें दोनों हाथों से जकड़े हुए वह कराहने लगी है।  अभी तो क्या, बीते कई दिनों से कोई झगड़ा भी नहीं हुआ है, फिर उसने अचानक ही इस बुरी तरह क्यों पीटा, वह अचरज में पड़ गई है।