जो मिले तुमसे भाग - 4

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धीरे धीरे समय बीतने लगा था , समीर तारा को छुप छुप कर देखने लगा था । तारा के सामने आते ही अपनी नजरे झुका यूं लेता था जैसे उसके आंखों में तारा के लिए जो मोहब्बत है उसे वो देख न ले ।।। धीरे धीरे वक्त बीतने लगा था करीब 3 महीने गुजर चुके थे। क्लास में कभी कभी क्वेश्चन डिस्कस करने के दौरान थोड़ी बहुत बातें दोनों के बीच हो जाया करती थी। वक्त के साथ दोनों की दोस्ती हो गई । दोनों पढ़ने में काफी तेज भी थे ......और ऐसा हम अकसर देखते हैं कि दोस्ती होने