गुलकंद - पार्ट 2

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गुलकंद पार्ट - 2 इस कमरे से उस कमरे भागती-दौड़ती अपनी पत्नी अन्नी को देख, वीरेश को उसपर कुछ दुलार सा आने लगा था। वह क्या जानता नहीं कि प्राइवेट स्कूल की इस नौकरी में इसके ऊपर काम का कितना बोझ रहता है! क्लासरूम में एक बार बैठने तक की इजाजत नहीं मिलती इनको.. इस वजह से टीचर्स की कुर्सियाँ तो हटा दी जाती हैं, पर क्योंकि स्कूल में आए दिन टीचर्स की किल्लत बनी ही रहती है, मैनेजमेंट इन लोगों से अपने सब्जेक्ट के अलावा भी कितनी ही क्लासेज़ लेने का प्रेशर बना कर रखता है। लगभग रोज ही