भाग –३९ मीशा ने खत को जोर से पढ़ना शुरू किया। "डियर रावण, तुम से बहुत प्यार करती हूं मैं , हमेशा से , जबसे तुम्हे देखा है तबसे, हर पल दुआ की तुम्हे पाने की। पागल कहते थे लोग मुझे , क्योंकि पागलों जैसा प्यार था मेरा। लेकिन बस तुम नहीं महसूस कर पाए। मैं तुम्हारा सब सितम बर्दाश्त कर सकती हूं पर ये इल्जाम नही कि मैंने कल तुमसे जो संबंध बनाए थे वो मेरी भूख थी। वो मेरा प्रयास था तुम्हे हमेशा के लिए अपना बनाने का ।एक लड़की के लिए किसी को अपना शरीर दे देना