भाग–३८ मैने राजीव से कहा कि "राजीव तुम ये सब क्या कह रहे हो?" "सच ही तो कह रहा हूं, और मैं ये समझ के परेशान हो रहा था कि तुम मुझे चाहती हो और मैने तुम्हारी जिंदगी खराब कर दी। अरे क्या फर्क है तुम में और वैशाली में । मिहिर से प्यार करती हो पर उससे शरीर की भूख नहीं मिटी तो कल मुझे शिकार बना लिया ।" तभी एक जोरदार चांटा राजीव के गाल पर पड़ा । ना ये चांटा कीर्ति ने मारा था , ना सम्राट अंकल ने , ना ही मिहिर ने । ये चांटा