द्वारावती - 40

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40“केशव, क्या तुम बता सकते हो कि इस बंद मुट्ठी में तुम्हारे लिए क्या है?” केशव की विचार यात्रा गुल के शब्दों से भंग हो गई। “कहो गुल, कैसी हो?”“यह क्या बात हुई? यह प्रश्न कैसा?”“यह प्रश्न सहज है।” “सहज वह होता है जो प्रतिदिन होता हो। जो प्रश्न तुमने पूछा वह सहज कहाँ है?”“प्रश्न तुमने भी पूछा था। क्या वह सहज था?”“कोई असहज क्रिया किसी बात अथवा घटना की प्रतिक्रिया भी हो सकती है।”“इस तर्क का संदर्भ तुम्हारे प्रश्न से कहाँ है?”“तुम तो विद्वान हो केशव। थोड़े थोड़े ज्ञानी भी होते जा रहे हो। स्वयं उत्तर खोज लो, प्रश्न