द्वारावती - 39

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39मंदिर से पूर्व ही एक श्रद्धालु ने केशव को रोक लिया। “बेटे, तुम ब्राह्मण हो?”“हाँ। किन्तु आपको संदेह क्यूँ है?”“क्यों कि यह पीताम्बर आदि परिधान मैंने अन्य व्यक्तियों में भी देखा है।”“आप तो व्यक्ति के वस्त्रों के आधार पर निश्चय कर लेते हो कि वह क्या है, कौन है?”“नहीं, मैं तो बस ... ।”“चलो छोड़िए। मुझे आप से तर्क वितर्क नहीं करना है।”केशव उसे वहीं छोडकर जाने लगा। “बेटे, रुको तो।”“जी, कहो जो कहना है।” केशव रुक गया। “क्या तुमने यज्ञोपवीत धारण की हुई है?”“क्या तात्पर्य है आपका ?”“मुझे किसी यज्ञोपवीत धारी ब्राह्मण बालक को यह दान करना है।” श्रद्धालु