यादों की अशर्फियाँ - 12. दीपिका मेम की अच्छाई

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12. दीपिका मेम की अच्छाई दिसम्बर की कातिल ठंडी ने अपनी औकात दिखनी शुरू कर दी थी। सुबह हमे जिससे सबसे ज्यादा प्यार था तो वह ब्लैंकेट , छोड़ने ने का मन ही नही होता था फिर भी उठना पड़ता था क्योंकि स्कूल जाना था और अगर लेट जागे तो लेट पहुचेंगे फिर जो सज़ा मेना टीचर ने तय की थी भयानक थी। जो भी लड़का लेट आए उसे ठंडे आरस के ऊपर बिना कुछ बिछाए बैठना पड़ता था। ठंडी को जेसे सज़ा बना दिया था टीचर ने। पर मेरे लिए सबसे ज्यादा फेवरीट सीज़न थी - विंटर। हालांकि ठंडी