स्याह उजाले के धवल प्रेत - भाग 3

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भाग -3 वासुदेव उसे बहुत दिन से जानता है, लेकिन यह नहीं जानता है कि वह बिना कोई काम-धंधा किए अपना परिवार कैसे पालता है। ग्यारह बच्चों, तीन बेगमों सहित पंद्रह लोगों का परिवार है, ठीक से खा-पी भी रहा है, तीन कमरों में पता नहीं कैसे रह रहा है।  वह दरवाज़े पर ही खड़ा सोचने लगा कि देखने में कितना भला-मानुष लगता है। मगर शातिर इतना है कि अपने साढू भाई के छोटे भाई की ही बीवी भगा लाया। कितना पुलिस-फाटा सब हुआ, लेकिन छोड़ा नहीं और न ही वह औरत ही अपने शौहर के पास जाने को तैयार