हीर... - 4

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चारू के पापा अजय जानते थे कि राजीव तकलीफ़ में हो और चारू उसका साथ देने ना जाये ऐसा तो किसी कीमत पर नहीं होने वाला था लेकिन वो ये बात भी बहुत अच्छे से जानते थे कि चारू अगर ट्रेन से चाहे टैक्सी से.. तुरंत भी दिल्ली के लिये निकलेगी तब भी उसे दिल्ली पंहुचते पंहुचते रात हो जायेगी और रात में दिल्ली का माहौल कैसा हो जाता है ये बात किसी से छुपी नहीं थी, ऐसे में जवान लड़की को अकेले दिल्ली भेजने का निर्णय लेना अजय तो क्या किसी भी लड़की के पिता के लिये बिल्कुल भी