वंश - भाग 7

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सात जयकुमार एक नितान्त सुनसान-सी सड़क पर चलते-चलते शहर से लगभग बाहर ही आ गये थे। रात के इस चढ़ते पहर में वह लौटने का विचार बना ही रहे थे कि अचानक उनका ध्यान सामने कुछ दूर तक अँधेरे में डूबी सड़क पर चला गया। कुछ दूरी पर सड़क के किनारे एक आदमी खड़ा था और उसी से कुछ फासले पर जरा आगे सड़क के किनारे एक ऑटो रिक्शा खड़ा था। ऑटो रिक्शा की दूरी इस आदमी से सम्भवत: पचास-साठ गज के फासले पर रही होगी। जयकुमार ने जेब से सिगरेट निकाली और उसे होठों से लगा लिया। फिर अपनी