श्रीमद्भागवतगीता मेरी समझ में महत्वपूर्ण श्लोक (भाग 2)

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श्रीमद्भागवतगीता के कुछ महत्वपूर्ण श्लोक (भाग 2) अध्याय 5 श्लोक 16ज्ञानेन तु तदज्ञानं येषां नाशितमात्मनः ।तेषामादित्यवज्ज्ञानं प्रकाशयति तत्परम् ॥जिनका अज्ञान दिव्य ज्ञान द्वारा नष्ट हो जाता है, उनके लिए परम सत्ता उसी तरह प्रकट हो जाती है जिस प्रकार सूर्य उदय होने पर सब कुछ प्रकाशित कर देता है।भ्रम की स्थिति में सत्य का ज्ञान नहीं हो पाता है। भ्रम से बाहर निकलने पर ही सच अपने आप सामने आ जाता है। अक्सर ऐसा होता है कि हम अंधेरे में भ्रमित हो जाते हैं। हिलते हुए पेड़ की परछाईं हमें किसी भूत प्रेत के होने का एहसास कराती है और