पृथ्वी पर अनेक प्रेम कहानी रची गईं है जैसे हीर रंझा, लैला मजनू जिनकी प्रेम को पूरा कायनात आज तक नहीं भूली है।हमारे क्लचर में हर प्रेमी को श्रीकृष्णा और प्रेमिका को राधा रानी के रूप में देखा जाता है ऐसी एक अनोखी प्रेम कहानी का आगाज में कर रही हूँ जो पूर्णजन्म से जुड़ा है ।पर कुछ कहानियाँ मिलने से नहीं बल्कि बिछड़ने से शुरू होता है। मौत जिनका अंत नहीं शुरुआत होता है ऐसा जो कुदरत की हदे नहीं मंगता है जो किस्सम के लेखा नहीं मांगता, जिसमे बेपनाह खुशी होता है पर बेहिसाब दर्द भी होता है...बिरह होता है..