शिवाय की बात सुन जेनेट ने वेनेसा से कहा,"मैं घर जाना चाहती हूँ वेनेसा!" "वेनेसा, क्या तुम यह चाहती हो कि मैं बिना कुछ जाने, बिना कुछ किए, डरपोक की तरह यहाँ से भाग जाऊँ? अगर सच में यहाँ कोई आत्मा रहती है...या यूँ कहे कि क्रिस्टीना की आत्मा रहती है तो जब तक मैं उसे अपने आँखों से देख नहीं लेता,उससे बात नहीं कर लेता तब तक यहाँ से नहीं जाऊँगा! अब यह मेरा विला है और मैं हरगिज़ यहाँ से इस तरह नहीं जाऊँगा!"....क्रिस ने अपने आसपास देखते हुए कहा। अशोक ने उसकी पूरी बात सुन कहा,"तो ठीक