इश्क दा मारा - 10

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अपनी भाभी की बाते सुनकर गीतिका बोलती है, "भाभी आप क्यो मेरे लिए इतना परेशान होती हैं सुबह से शाम तक, अब मैं खुद देख लूंगी की मेरा फायदा किसमे हैं और किस में नही, आप बस अपने फायदे पर ध्यान दीजिए"।तब गीतिका की भाभी बोलती है, "आज कल तुम्हारी जबान कुछ ज्यादा ही नहीं चलने लगीं है ?????तब गीतिका बोलती है, "मुझे ना ज्यादा बोलने का कोई शौक नही है मगर क्या करु मजबूरी है, बोलना पड़ता है, और आप जाइए आराम से सो जाइए, क्यो मेरी वजह से अपनी निंद खराब कर रही है "।उसके बाद गीतिका की