शशशशश...... धुंध में कोई राज है?? - भाग 10

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ऑडिटोरियम में..."आज अरनव को अपना दिल टूटा सा फील हो रहा था अनु बोल रही थी वो बिना सुने आगे बढ़ रहा था , उसे बस अनु के मांग पर लगी सिंदुर और गले की मंगलसूत्र दिख रहा था और मन ने बुदबुदाया ,"सिर्फ चार साल तो हुए हैं हमें अलग हुए अनु और तुमने किसी और से शादी कर लिया, मेरी दोस्ती सिर्फ दोस्ती थी तुम्हारे लिए और मैंने उस दोस्ती में प्यार देखा था तुम्हारा, हां मेरी गलती है कि मैंने अपने प्यार का इजहार नहीं किया था तुमसे , मैंने सोचा था पहले कैरियर उसके बाद तुमसे