तुमको पकड़ कर रोता रहा और फिर जो ,जो करना होता है।। चांदनी की अंतिम संस्कार के लिए सब तैयार हो कर निकल गए।। तेरी मां को जो,जो तकलीफ़ थी उन सब से मुक्त हो गई थी वो सदा के लिए।।यश और रिचा दोनों ही रोने लगे और फिर बोला कि पापा कितना तकलीफ़ सहा आप लोगों ने।।बिमल ने कहा हां, बेटा पर वो बात जो मैंने अब तक तुम्हें नहीं बताया जो बात तुम्हारी मां ने जातें समय कहा था कि यशु को बता देना।देखो बेटा तुम समझदार हो हमें गलत मत समझना हां।।यश ने कहा ऐसा क्या बात