वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 27

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ऐसा चाहती थी।।दोपहर को तुम्हारा अन्नप्राशन संस्कार हो गया तुम्हें खीर खिलाया गया।शाम को सभी मेहमानों का स्वागत गीत से किया हमने।।चांदनी ने खुद जाकर एक बहुत बड़ा सा केक लेकर आईं।तुम तो रो रहें थे क्यों कि भीड़ भाड़ काफी नया चेहरा।।फिर हम तीनों ने मिल कर केक काटा।सब को केक भी खिलाया और डिनर करने के बाद सब अपने ,अपने घर लौट आए।हमने अस्पताल से आएं डाक्टर और नर्स को भी अच्छी तरह से खातिर किया क्योंकि भगवानकब किस रूप में हमारे पास आ जाएं ये तो सिर्फ वही बता सकता है जिसके साथ चमत्कार हुआ है।।फिर सब