नक़ल या अक्ल - 19

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19 नौकरानी   राजवीर भागते हुए सोना के पास गया और उसे रोकने के बहाने से उसके सामने आकर खड़ा हो गया। “सोन! पहले मेरी बात सुनो! फिर जहाँ जाना है,  चली  जाना क्योंकि  तुम भी यह जानती हूँ  कि  मैं  किसी के बाप से भी नहीं डरता।“ रघु और हरिहर भी वहीँ पहुँच  गए। “तुम क्या कहना चाहते हो? “उसने उसे उस दिन छोले कुलचे के ठेले पर हुई सारी घटना बता दीं। “तुम सच कह  रहें हो?” अब रघु भी बोल पड़ा,  “यह बिलकुल सच कह रहा  है,  मैं भी उस दिन इसके साथ था।“ “तुम्हारे  होने से