नक़ल या अक्ल - 16

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16 नकल     किशोर को अब भी विश्वास नहीं हुआ,  उसने राधा को कातर नज़रों से देखते हुए कहा,  “पर तेरे माँ बापू ऐसा क्यों कर रहें है? “   बंसी काका ने बापू से दहेज़ नहीं माँगा है। उन्होंने कहा,  बस शादी करकर एक कपड़े की पेटी के साथ  लड़की दे दो। अब किशोर को सारा मांजरा समझ आ गया।    राधा तू घबरा मत,  मैं कोई चक्कर चलाता हूँ। तभी राधा को उसके बापू  आते दिखाई  दिए।  “बापू”!! राधा  बोली। उसने जल्दी से अपना मुँह  गमछे से ढका और एक दर्जन केले पकड़ाकर वहाँ से चलता बना।