पथरीले कंटीले रास्ते 17 फूलों में से झांकता हुआ गुणगीत का खिला हुआ गुलाब जैसा चेहरा उसे निमंत्रण देकर अपनी ओर खींच रहा था । उसकी मादक मुस्कान उसे घायल कर रही थी कि वह बेबस हो गया । उसे छूकर देखने के लिए उसने अपना हाथ आगे बढाया ताकि वह गुणगीत का आगे बढा हुआ हाथ थाम ले पर हाथ जा लगा उस जेल की तंग कोठरी की दीवार से । हाथ शायद जोर से दीवार से टकराया था । वह दर्द से बिलबिला उठा । एक झटके से उसकी नींद टूट गयी । उसने आँखें