अमर ने गुस्से में चिल्लाते हुए, रूही से कहा, "तूने एक बार भी मेरी इज्जत की नही सोची, आज तूने साबित कर ही दिया कि तू मेरी औलाद है ही नही।" बचपन से ही रूही अपनी सौतेली मां, बहन और भाई के जुल्म सहती आई है पर उस को लगता था कि उस के पिता उस से बहुत प्यार करते हैं पर आज उन्होंने भी साबित कर दिया कि रूही, उनके लिए कोई मायेने नही रखती हैं और वो अब अपने पिता पर एक बोझ से ज्यादा कुछ नहीं है। इस छोटी सी उम्र में आज रूही को इतना बड़ा