लव एंड ट्रेजडी - 10

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रसोई में हिमानी और उसकी माँ एक दूसरे के गले लगी हुयी थी की तभी वहा भव्या आ पहुंची और बोली" वाह भई यहाँ तो भरत मिलाप चल रहा है हमें भी कोई शामिल करले इस मिलाप में हम भी थोड़ा भावुक हो जाए या हमें कही अस्पताल से गौद लिया है "कैसी बाते कर रही है आजा तू भी माँ के गले लग जा तुम दोनों तो मेरी आँखों की ठंडक हो तुम्हारे हस्ते मुस्कुराते चेहरे देख कर ही मेरे दिन का आगाज़ अच्छे से होता " वैशाली जी ने भव्या को भी अपने सीने से लगाते हुए कहा