सिक्किम यात्रा - 2

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सिक्किम यात्रा-२उठ गये हैं पहाड़गगनचुंबी हो गये हैं,आकाश से कुछ कहउतर रहे हैं धीरे-धीरे।उतार लाये हैं गंगाउतार लाये हैं तिस्ता,लोग अपनी अपनी समझ के अनुसारकर रहे हैं उन्हें प्यार।बन रही हैं सड़केंटूट रही हैं राहें,हमारे साथ-साथखड़े लग रहे हैं पहाड़।धुँध तो हैवह उड़ जायेगी,निर्मल गगन में फिररश्मियां दिखने लगेंगी।गंगटोक से हम अगले पड़ाव की ओर बढ़ रहे हैं।हमें रवांगला जाना है।ड्राइवर कहता है आप चाय बगीचा और नामची का चार धाम देखते जाइये। दर्शनीय स्थल हैं। चाय बगीचा सुन्दर है,ढलान लिए हुये। वहाँ पारंपरिक वेशभूषा लेकर पर्यटक फोटो खींचा रहे हैं।पारंपारिक वेशभूषा को "खो" कहते हैं। चार धाम में बद्रीनाथ,