सर्कस - 16

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                                                                                        सर्कस:१६          स्टेशन पर गाडी पहुँच गई। सफर से अब शरीर उब चुका था। घर जाते वक्त सब से मिलने की उत्सुकता, आनंद था लेकिन आते वक्त तो मन थोडा उदास ही हो गया। सामान निकालने लगा तो इतने में ही धीरज अंदर आया ओैर बडे प्यार से मुझे गले लगाया। उसके आनंद में मेरी