अशोक ने अपने दिमाग़ में उमड़ते हुए सवालों को परे किया और वह अपने कमरे में चला गया। दिनभर की थकान की वजह से लेटते ही उसकी आँख लग गई। इधर रात के ग्यारह बजे तक क्रिस के दोस्तों की पार्टी चलती रही, फिर गाना-बजाना बंद कर सब थके-हारे सोफ़े पर बैठे बातें करने लगे। अचानक जेनेट ने सबसे पूछा," गाइज, तुम लोगों ने तभी उस चौकीदार का चेहरा देखा था? पूरा सफ़ेद पड़ गया था,जैसे..जैसे..." और फिर अपनी ही बात पर वो ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा,बाकी सब ने भी उसका ख़ूब साथ दिया। तभी वेनेसा ने कहा,"हे..रात को