गाँव के तिलिस्म भाग -2

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कृष्‍ण कुमार ने जा कर कम्‍पनी ज्‍वाइन कर ली, अभी उसके संभाग के शहर ही में उसका नया जॅाब लग गया था। दो महीने बाद उसने अपने सर कम्‍पनी के इंजीनियर साहब से गांव चलने को कहा व एक बरसाती नदी के सर्वे की बात की तो वे सहज ही तैयार हो गए। किराए की कार की कहा तो बोले –’मेरे पास व्‍हीकल है, हम सब लोग चलेंगे, तुम पेट्रोल डलवा देना।’ कृष्‍ण प्रसन्‍न हो गया उसने अपने गांव सूचना करवा दी। इंजीनियर साहब ने शर्त रखी कि गांव का ही ट्रेडीशनल भेाजन हो। फिर भी कृष्‍ण शहर से भी