तुम जो आए ज़िंदगी में... - 5 (अंतिम भाग)

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आर्य - नहीं। मीरा मैं तुम्हें यू तुम्हारी लाइफ बर्बाद नहीं करने दूंगा। मैं भरूंगा तुम्हारी लाइफ में रंग। और मैं ही इस बार तुम्हारी दिवाली को रोशनी से भर दूंगा। इस बार तुम्हें दिवाली अंधेरे में नहीं मनानी पड़ेगी। इतना बोल कर आर्य वहा से खड़ा होता है और अपनी बाहें फैला कर बोलता है - मीरा क्या तुम एक बार मुझ पर भरोसा कर सकती हो??? मीरा जट से आर्य की बाहों मे समा जाती है और बोलती है - हा। कभी मेरा विश्वास मत तोड़ना। आर्य - मरते दम तक नहीं। मीरा बहुत खुश थी कि उसको