शिव की नज़र जैसे ही रति पर पड़ी, तो उसकी आँखें खुली की खुली रह गई क्योंकि उसे अपनी आंखों पर यकीन नही हो रहा था कि रति उसके इतने करीब थी। उसने तुरंत महादेव की पिंडी की ओर देखा,पर तभी रति आरती लेने के लिए आगे बढ़ गई। शिव ने फिर से उसकी ओर देखा,पर उसे रति नज़र नही आई। वो तुरंत उस ओर बढ़ने लगा जहां उसने रति को देखा था,पर तभी पीछे खड़ी भीड़ आरती लेने के लिए आगे बढ़ी। शिव को धक्का लगा और उसने संभालने के लिए वही खड़े एक आदमी का सहारा लिया। रति