नक़ल या अक्ल - 12

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12 रिश्वत   दोनों को अपने चेहरे की तरफ ताकते हुए देखकर,  बाबू अपनी कुरसी से उठें और बोले,  “चलो  लड़कों  बाहर चलते  हैं”I  अब वह उनके साथ बाहर आ गए,   बस से आये हो ?   नहीं सर, स्कूटर से !!   अच्छा  फिर जाओ और कोने में  एक पान की दुकान है, वहाँ से मेरे लिए बढ़िया सा पान ले आओ,  तब तक मैं  निहाल के भाई से कुछ गुफ्तगू कर लूँ,  अब नंदन  ने स्कूटर उठाया और चल पड़ा,   देखो !! बेटा किशोर, मैं अंदर भी बता सकता था,  मगर अंदर कैमरे लगें हैंI