हीरामंडी - द डायमंड मार्केट - फिल्म समीक्षा

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नीलम कुलश्रेष्ठ ``जो समाज औरतों को जायदाद में से हक़ नहीं देता, वह तवायफ़ों की कुर्बानियों को तारीख़ में जगह क्या देगा ? ये संवाद है `हीरामंडी ` वेब सीरीज़ के अंत में पार्श्व से बोला गया। और लीजिये इस वाक्य ने उन लोगों के मुंह बंद कर दिए जो संजय लीला भंसाली पर आरोप लगा रहे थे कि तवायफ़ों के कोठों पर कुछ बिगड़े रईसज़ादे जाते थे लेकिन अब ये कोठे सारा हिन्दुस्तान आँखों से देखेगा। इस वाक्य ने मेरे दिमाग़ की हिचक ख़त्म कर दी थी कि मैं इस वैब सीरीज़ पर कुछ लिखूँ .भंसाली  जी ने इसे