पथरीले कंटीले रास्ते - 15

  • 1.6k
  • 735

  पथरीले कंटीले रास्ते   15 रविंद्र से आगे आगे कुछ कदमों की दूरी पर काम करने वाले लोगों की तीन टोलियाँ जा रही थी । उसने अपनी चाल तेज की । तेज कदम चलते हुए वह भी इन लोगों से जा मिला । करीब पंद्रह मिनट चल कर ये लोग एक बगीची में पहुँचे । फूलों की क्यारियों में इस समय सूरजमुखी , डहेलिया , गेदा , गुड़हल , बालसम , गैलार्डिया के फूल खिले हुए थे । सूरजुमखी के फूल सूरज की ओर मुख किये उसकी स्वर्ण रश्मियों के सुनहरे रस के रसपान से स्वयं को तृप्त कर