सर्कस : १५ सुबह जलदी निंद खुल गई, अपना सब काम खतम करके पढाई करने बैठ गया। अल्मोडा पहुँचने के बाद केवल एक दिन का ही फासला था की इम्तहान शुरू हो रहे थे। पाँच दिन में इम्तहान खतम। मेरी पढाई पूरी होते-होते, लोग उठते गए। हमारे कंपू के साथ नाश्ता किया, फिर अरुणसर के ऑफिस