लागा चुनरी में दाग़--भाग(५२)

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प्रत्यन्चा उस रात सो ना सकी,एक तो वो भूखी थी, उस पर से डाक्टर सतीश से शादी की बात को लेकर भी वो परेशान थी और आज तो धनुष भी उसे खाना खिलाने उसके कमरे में नहीं पहुँचा था,इसलिए वो और भी ज्यादा उदास थी,उसे पक्का यकीन था कि धनुष बाबू उसे जरूर खाना खिलाने आऐगें और वो उनसे अपने मन की सारी बातें कहकर अपना मन हल्का कर लेगी और उधर धनुष ये सोचकर प्रत्यन्चा को खाना खिलाने नहीं गया था क्योंकि वो सोच रहा था कि अगर अभी इसी वक्त वो प्रत्यन्चा के पास गया तो वो कहीं