दोनों रेस्तराँ में पहुँचे तो प्रत्यन्चा इतना बड़ा रेस्तरांँ देखकर थोड़ी असहज सी हो गई क्योंकि वो पहली बार इतने बड़े रेस्तराँ में खाना खाने आई थी,उस पर वहाँ आई लड़कियांँ जो कि माँडर्न ड्रेस में थीं और प्रत्यन्चा साड़ी में इसलिए उसे वहाँ और भी असहज लग रहा था,लेकिन धनुष उसके मन में चल रहे विचारों के आवागमन को भाँप गया और उसके लिए कुर्सी खिसकाते हुए उससे बोला.... "क्या सोच रही हो प्रत्यन्चा!,बैठो ना!" "जी!" ऐसा कहकर प्रत्यन्चा कुर्सी पर बैठ गई... इसके बाद धनुष ने प्रत्यन्चा से पूछा.... "अब बताओ,पहले क्या लोगी,सूप या कुछ स्नैक्स वगैरह" "जी!