श्रीस्वभूरामदेवाचार्य जी महाराज का जन्म ब्राह्मण-कुल में हुआ था। आपके पिता का नाम श्रीकृष्णदत्त और माता का नाम श्रीराधादेवी था। श्रीकृष्णदत्त एवं राधादेवी को जब दीर्घकाल तक संतान की प्राप्ति नहीं हुई तो एक सन्त की प्रेरणा से दोनों निम्बार्क-सम्प्रदायाचार्य श्रीहरिदेव व्यासजी के पास गये। उन्होंने आप लोगों को गो-सेवा करने की आज्ञा दी। अब आप लोग गायों को चराते, उनकी सार-सँभाल करते और हर प्रकार को सेवा करते। इस प्रकार सेवा करते-करते गोपाष्टमी का दिन आया। आप दोनों लोग गोशाला में गये, वहाँ देखा तो चारों ओर प्रकाश फैला था और उस प्रकाशपुंज के मध्य में एक सुन्दर शिशु