लौट आओ अमारा - भाग 4

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इस रुदन में इतना दर्द, इतनी तड़प थी कि संजीव और पायल का दिल भी दर्द से भर उठा। कार को भूलकर वो दोनों बच्ची की तलाश करने लगे। इस घने जंगल में किसी बच्ची का इस तरह रोना उन्हें किसी अनहोनी का संकेत दे रहा था, लेकिन फिर भी वो बिना घबराए आवाज़ की दिशा में जंगल के अंदर बढ़ते जा रहे थे मानों कोई अदृश्य चुम्बक उन्हें खींच रहा हो। आख़िरकार थोड़ी दूर चलने के बाद ही उन्हें एक घने पेड़ के नीचे लगभग एक साल की रोती हुई बच्ची मिल गई। पायल ने जल्दी से उसे गोद