फागुन के मौसम - भाग 12

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शाम में जब यश और तारा राघव से मिलने पहुँचे तब हर्षित भी वहाँ आया हुआ था। हर्षित बार-बार राघव से अपनी भूल के लिए माफ़ी माँगते हुए कह रहा था कि उसने जानबूझकर राघव को भांग वाली ठंडाई नहीं दी थी। इतने वर्षों से एक साथ काम करते हुए आपस में भली-भाँति परिचित हो चुकने के कारण राघव को उसकी बात पर विश्वास था लेकिन फिर भी हर्षित की शर्मिंदगी कम नहीं हो रही थी। "क्या बात है, यहाँ का माहौल तो बहुत गंभीर लग रहा है।" तारा ने राघव के कमरे में प्रवेश करते हुए पूछा तो राघव