वो अनकही बातें - सेंकेड सीज़न मिसालें इश्क - भाग 24

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चांदनी को मैंने अपने गोद में सुला दिया और फिर उसके बालों को सहलाने लगा।यश ने कहा वाह क्या प्यार है पापा।। कोई टिप्पणी नहीं कुछ नहीं और ना ही किसी के खोने का ग़म।। प्यार का दूसरा नाम समर्पण, त्याग और बलिदान ही तो होता है मैं इस तरीके से सोचता हूं। कौन क्या सोचता है मुझे उससे कोई दिक्कत नहीं है पर मैं क्या सोचता हूं। यश ने तुरंत ही कहा कि पापा फिर मैं कहां से आया? बिमल ने कहा अरे जहां से सब आते हैं।। यश थोड़ा सा आश्चर्य हुआ पर फिर बोला कि फिर क्या