यारा तेरी यारी

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मै आज तीन दोस्तों की कहानी सुनाने जा रहा हूं , जो हर कदम पर एक दूसरे का साथ देने के लिए तैयार खड़े रहते थे। उन तीनो की दोस्ती देखकर लोग उन्हे कहते थे की वो तीनो दोस्त नही बल्कि भाई ज्यादा लगते थे।ये कहानी है विजय सुनील और मंगल की। तीनो दोस्त ऐसे मिल जुलकर रहते थे जैसे वो दोस्त नही बल्कि एक दूसरे के भाई हों। तीनो के परिवार वाले भी उन तीनो को अपने ही बच्चे मानते थे। वो तीनो हमेशा एक दूसरे के परिवार वालो की मदत के लिए भी तैयार रहते थे।मई का महीना