चोर

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  वह एक पब्लिशिंग हाउस में मुलाजिम था।यह पब्लिशिंग हाउस अधिकतर बच्चों की किताबें छापता था। बच्चों की एक मासिक पत्रिका भी निकालता था इस मासिक पत्रिका की सेलिंग बहुत अधिक कोशिशों के बावजूद भी दो हज़ार की संख्या को पार नहीं कर सकी थी। वह उसी मासिक पत्रिका का एडिटर था।उसका नाम उल्फत खान था मैं उसे सिर्फ खान कहा करता था। मैं उस प्रकाशन संस्थान में मैनेजर की हैसियत से मुलाजिम था। खान की पर्सनालिटी की तरह उसकी उम्र भी कश्मीर समस्या बनी हुई थी। किसी का ख्याल था कि वह साठ साल का है कोई उसे पचपन