उन्हीं रास्तों से गुज़रते हुए - भाग 20

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भाग 20 " तुम्हारे लक्षण ठीक नही है। इन्द्रेश के जाने के बाद तुम हमारे वश में नही हो। मनमौजी हो गयी हो। तुम हमारे घर में नही रह सकती। हमारा घर तुरन्त खाली करो । हमारा तुमसे कोई नाता नही। " उसकी सास ने ससुर के सुर में सुर मिलाते हुए कहा। " ऐसा क्या कर दिया है मैंने जो आप लोग मुझ पर यह झूठा आरोप लगा रहे हैं। मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। " शालिनी रूआँसी हो गयी। " हम पर प्रताड़ना का झूठा आरोप लगा रही हो तो हम आज से ही तुम्हंे